अक्षय वट: देवी ने दिया था पेड़ को अमरता का आशीर्वाद, भगवान श्री राम से भी जुड़ा हुआ है रहस्य
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। प्रयागराज अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। साथ ही यहां स्थित अक्षय वट भारतीय और पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि यह पेड़ है सतयुग से लेकर आज तक अमर है। क्योंकि इस पेड़ को देवी का आशीर्वाद मिला है कि यह पेड़ कभी मरेगा नहीं। साथ ही इस पेड़ को देखने और इसके दर्शन करने के लिए पातालपुरी मंदिर जाना पड़ता है। देश भर से श्रद्धालु और पर्यटक इसके दर्शन करने के लिए आते हैं।
अक्षय वट की कथा और महत्व
अक्षय वट का धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। जिसे अनंतकाल से अमर माना जाता है। मान्यता के अनुसार सतयुग के समय एक देवी ने इस पेड़ को अमरता का आशीर्वाद दिया था। जिस वजह से यह पेड़ कभी नहीं खत्म होगा साथ ही हमेशा अमर रहेगा। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि भगवान राम के वनवास के समय में माता सीता ने भी इस पेड़ के नीचे आराम किया था और अपनी रक्षा के लिए आशीर्वाद दिया था।
कहां है अक्षय वट पातालपुरी मंदिर?
पातालपुरी मंदिर के परिसर में ही अक्षय वट स्थित है। पातालपुरी मंदिर एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है। जो पाताल लोक की तरह-तरह की कथाओं से जुड़ा हुआ है। पातालपुरी मंदिर में भक्त आकर अक्षय वट के दर्शन करते हैं साथ ही इससे जुड़े धार्मिक महत्वों का अनुभव करते हैं।
धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यता
पातालपुरी मंदिर के पुजारी रविंद्र नाथ पुरी जी बताते हैं कि यह पेड़ धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रयागराज के संगम के निकट ही ये पेड़ स्थित है। जहां तीर्थयात्री यहां आकर अपनी धार्मिक यात्रा को पूरा करने आते हैं।
अमरता का आशीर्वाद
अक्षय वट को अमरता का आशीर्वाद मिला है। इसे अमरता का प्रतीक भी माना जाता है। यह पेड़ सदियों से बिना नष्ट हुए खड़ा हुआ है। जो यह दिखाता है कि इसको देवी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। यह पेड़ ना केवल अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी आध्यात्मिक महत्वता भी इसे अलग बनाती है।
Created On :   29 July 2024 5:22 PM IST